अकबर का राज दरबारी 51 अधिकारी थे उनमें से कुछ ईरानी और तूरानी अमीर थे और वह हिंदुस्तान के अमीर मुसलमान हुआ भारत के आमिर राजपूत थे (आमिर अर्थात उच्च अधिकारी )
यह इतिहास के दृष्टि से प्रमुख नाम है अकबर बादशाह जो अपने शासन के लिए विभिन्न विभिन्न जाति समुदाय व धर्म के लोगों को अपने पक्ष में अपने नीति व नियमों के अनुसार अपने अधीन कर लेता था
यहां पर इतिहास के कुछ मुख्य बिंदु दिए गए हैं जो अकबर के दरबार मे समर्थन ,नियंत्रण ,मुसलमान अमीर वह राजपूत अमीर से संबंधित है।
- अकबर का प्रमुख अधिकारी और अन्य समर्थक कौन था ?
- अकबर ने मुसलमान को अमीर क्यों बनाया ?
- अकबर ने राजपूतों को अमीर क्यों बनाया ?
- अकबर का प्रशासनिक व्यवस्था कैसा था ?
अकबर का प्रमुख अधिकारी और अन्य समर्थक कौन था – Akbar ka Pramukh Adhikari aur anya Samarthak kaun tha ?
अकबर जब बादशाह बना तब उनके दरबार में 51 बड़े अधिकारी दरबारी थे वे सभी अमीर कहलाते थे अकबर ने इन्हें ही मुगल साम्राज्य को कामकाज सौंपा था इन अमीरों ने अधिक लोग तूरानी थे जो तुर्किस्तान से आए थे कुछ लोग इनमें बाबर के रिश्तेदार भी थे जो बाबर का समर्थन नहीं देता था।
क्योंकि वह सभी अपने को बादशाह समझते थे वह लोग जो समर्थन नहीं देते थे इसलिए कि उनका कहना था बादशाह उनके सभी बात को माने जो की अकबर बादशाह को बिल्कुल पसंद नहीं था
अकबर चाहता था सभी रिश्तेदार और अधिकारी सिर्फ बादशाह का बात माने यही कारण था की दोनों में हमेशा मतभेद रहता था।
अकबर ने अपने नियंत्रण स्थापित करने के लिए हुमायूं के साथ आए ईरानी को बढ़ावा दिया वे सभी अकबर को पूरा सहयोग किया जिससे अकबर तूरानी अमीरों पर नियंत्रण कर पाया।
अकबर ने मुसलमान को अमीर क्यों बनाया ?
अकबर जानता था कि मजबूत बनने के लिए शक्तिशाली लोगों का समर्थन चाहिए इस सोच के साथ अकबर ने भारत को मुसलमान का ऊंचा स्थान देना शुरू कर दिया जिससे अकबर का समर्थन मजबूत होता गया इसी वजह से अकबर के नियंत्रण में ईरानी और तूरानी दोनों हो गया।
अकबर ने राजपूतों को अमीर क्यों बनाया ?
हिंदुस्तान में अकबर को मजबूत बनाने के लिए राजपूत का स्वतंत्र रखना चाहते थे। उसने सैनिक विजय हुआ था उसे विवाह संबंध नीति अपनाया जिससे जो राजपूत उनके अधीन हो गए
अकबर ने यह शर्त रखा था और जो यह शर्ट अपनाते था उसे अमीर बनाया जाएगा तथा भागीदारी भी दी जाएगी कुछ राजपूत इस शर्त स्वीकार कर लिया और समर्थन किया और अमीर बन गया।
आगे चल कर हिंदुओं का विश्वास जीतने के लिए 1562 में तीर्थ यात्रा पर कर (Tax) मुक्त किया तथा आगे चलकर 1564 में जजिया कर भी समाप्त कर दिया।
अकबर का प्रशासनिक व्यवस्था कैसा था ?
अकबर ने प्रशासनिक व्यवस्था के लिए अपने राज्य में रहने वाले अब्दुल फजल का रचना किया तथा अकबरनामा अब्दुल फजल ने कई प्रांतों को बांटा था जिसे प्रांत या सुबा कहता था.
निष्कर्ष
इस आर्टिकल के अंदर Akbar ka Pramukh Adhikari aur anya Samarthak kaun tha इसके विषय में विस्तार से लिखकर हमारे इस ब्लॉग आर्टिकल के अंदर बताया गया है यह आर्टिकल अगर आपको अच्छा लगे तो इसे प्लीज आगे शेयर करें।
Q.1 अकबर का दरबारी कितने थे ?
Ans:- अकबर की दरबारी की संख्या 51 था
Q.2 अकबर ने हिंदुओं को विश्वास जीतने के लिए क्या किया ?
Ans:- अकबर ने हिंदू के विश्वास जीतने के लिए तीर्थंकर मुक्त कर दिया तथा जजिया कर भी समाप्त कर दिया
Q.3 अकबर ने शासन शक्ति मजबूत करने के लिए क्या किया ?
Ans:- अकबर ने शासन शक्ति मजबूत के लिए मुसलमान व राजपूत को ऊंचा पद देने लगा